Delhi Karnal High Speed Train: अगर आप भी हरियाणा प्रदेश में रहते हैं, तो आज की यह खबर आपके लिए है। बता दे कि दिल्ली मेरिट रैपिड रेल ट्रांजिस्टर सिस्टम परियोजना का काम निकट समय में पूरा होने की उम्मीद है, इसके बाद दिल्ली- पानीपत- करनाल परियोजना पर कार्य भी शुरू किया जा सकता है। आज की इस खबर में हम आपको इसी से जुड़ी लेटेस्ट अपडेट के बारे में डिटेल जानकारी देने वाले हैं।
दिल्ली से करनाल का सफर होगा आसान
एनसीआरटीसी की वेबसाइट पर आरआरटीएस परियोजना का नक्शा भी प्रदर्शित किया गया है, जिसमें आप देख सकते हैं कि करनाल रूट को तीसरे नंबर पर रखा गया है। उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली – मेरठ लाइन के बाद दिल्ली- पानीपत- करनाल परियोजना के बारे में केंद्र सरकार विचार विमर्श कर सकती है। हालांकि अभी तक इस योजना को लेकर आधिकारिक तौर पर केंद्र सरकार की तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं की गई है।
सीएम ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से भी की मुलाकात
सरपंच संगठन के जिलाध्यक्ष की तरफ से जानकारी देते हुए बताया गया कि यदि केंद्र सरकार मेरठ लाइन के बाद करनाल पर ध्यान केंद्रित करती है, तो प्रदेश की जनता केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की काफी आभारी रहने वाली है। हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 22 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रैपिड रेल ट्रांसिट सिस्टम परियोजनाओं को लेकर केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ जरूरी मीटिंग की थी और इस दौरान उन्होंने कई अहम मुद्दों का भी बैठक में जिक्र किया था। कुछ समय पहले ही दिल्ली करनाल रैपिड रेल ट्रांजिस्टर सिस्टम का टीजर भी रिलीज किया गया था।
करनाल अभी तक भी नहीं बना जंक्शन
करनाल रहने वाले लोगों का कहना है कि करनाल शहर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत आता है, ऐसे में करनाल रेलवे स्टेशन पर यात्री गाड़ियों के ठहराव की कमी महसूस कर रही है, दिल्ली से अंबाला के बीच यही ऐसा जिला बचा हुआ है जहां जंक्शन नहीं बना है। रैपिड रेल परियोजना पर यदि केंद्र सरकार जल्द फोकस करती है, तो कई साल तो इसका ढांचा तैयार करने में लगेंगे। आने वाले समय में जिले से दिल्ली का सफर काफी आसान हो जाएगा। वहीं राष्ट्रीय राजमार्गों से वाहनों का दबाव भी कम होगा।
इस प्रकार होगा कार्य
दिल्ली से पानीपत तक 17 स्टेशन व पानीपत से करनाल तक घरौंडा में करनाल में स्टेशन बनने है। रैपिड रेल से करनाल से दिल्ली का सफर महज 1 घंटे में ही पूरा हो जाएगा, परंतु अभी तक 4 साल बीत चुके हैं और जिलावासी उम्मीद कर रहे हैं कि केंद्र सरकार जल्द ही इस प्रोजेक्ट को लेकर भी कार्य शुरू करवा सकती है। दूसरी तरफ करनाल यमुना लगभग 61 किलोमीटर लाइन परियोजना भी अभी विचाराधीन है। कई महीने पहले इसको लेकर भी सर्वे का कार्य करवाए जाने की बातें सामने आई थी, परंतु आधिकारिक रूप से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।